* शब्द विचार की परिभाषा शब्द विचार हिंदी व्याकरण का दूसरा खंड है जिसके अंतगर्त शब्द की परिभाषा, भेद-उपभेद, संधि, विच्छेद, रूपांतरण, निर्माण आदि से संबंधित नियमों पर विचार किया जाता है। शब्द: एक से अधिक वर्णों के मेल से बने सार्थक वर्ण समूह को शब्द कहते हैं। * शब्द विचार का वर्गीकरण 1) अर्थ केआधार पर 2) बनावट या रचना के आधार पर 3) प्रयोग के आधार पर 4) उत्पत्ति के आधार पर *श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द : ये शब्द चार शब्दों से मिलकर बना है ,श्रुति+सम +भिन्न +अर्थ, इसका अर्थ है सुनने में समान लगने वाले किन्तु भिन्न अर्थ वाले दो शब्द अर्थात वे शब्द जो सुनने और उच्चारण करने में समान प्रतीत हों, किन्तु उनके अर्थ भिन्न -भिन्न हों , वे श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द कहलाते हैं ! उदा: बहु- अत्यधिक बहू - पुत्रवधू * पर्यायवाची शब्द : समान अर्थवाले शब्दों को 'पर्यायवाची शब्द' या समानार्थक भी कहते है। जैसे- सूर्य, दिनकर, दिवाकर, रवि, भास्कर, भानु, दिनेश-...